रोंगटे खड़े कर देने वाली भानगढ़ किले की सच्ची घटना

यह कहानी है भारत की सबसे डरावनी जगह भानगढ़ की। इस कहानी में पांच लोग जो की जयपुर के कॉलेज विद्यार्थी थे वो अपनी कार लेकर रणथंबोर है गुमने के लिए गए थे। वे सभी रात के 11 बजे रणथंबोर से जयपुर की ओर वापस आ रहे थे। उनको रास्ते के बीच में एक जगह का पता मिलता है भानगढ़ नाम की जगह का। पांचो लोग रात में उस जगह जाने का मन बना लेते है। भानगढ़ उन लोगो से 30 से 31 किलोमीटर दूर था। सभी लोग कार से भानगढ़ किले पहुंच जाते है। रात के 12 बज चुके थे। पर उनके मन में एक सवाल था की क्या सच में वह भूतो का वाश है या नहीं। भानगढ़ में ऐसा क्या है जहाँ रात में रुकना या गुमना माना है?  

bhangarh fort

जब वो लोग भानगढ़ किले के बाहर पहुंचते है कार से बाहर निकलते है। वहाँ बिल्कुल अँधेरा था। सभी प्रमुख दरवाजा ढूंढ़ते है। थोड़ी देर बाद उनको किले में जाने का प्रमुख दरवाजा देखता है। वहाँ जाते तभी उनको एक गाइड मिलता है। सभी लोग किले के अंदर जाना चाहते थे। लेकिन गार्ड उनको डाटते हुए कहता है, " तुम लोगो का दिमाग खराब है। निकल जाओ तुरंत यहां से वरना थाने में बंद कर दिए जाओगे "। वो सभी वहाँ से चले जाते है। लेकिन सभी के मन में किले के अंदर जाने का भूत सवार था। भानगढ़ किले के प्रमुख दरवाजे से थोड़ी दूर वापस आने के बाद उनको भानगढ़ के चारो तरफ एक बड़ी दीवार दिखी जो थोड़ी बहुत फूटी हुई थी। सभी उस फूटी हुई दीवार से अंदर जाने का मन बना लेते है। 

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सभी अँधेरे की आड़ में बिना आवाज किये धिरे-धिरे आगे आदते है। जैसे ही सभी पाँचो दोस्त प्रमुख भानगढ़ किले के बाहर पहुंचते है तो सभी के चहरे पर एक खुशी थी। लेकिन उनको क्या पता था आगे चल कर उनके साथ क्या होने वाला था। उनके एक दोस्त के बेग़ के अंदर बची हुई मिठाईया थी। वो उस बेग़ को अपने साथ अंदर लेकर चले जाते है। अंदर जाने से पहले उनको पता था की सभी मिठाईया सई सलामत थी। सभी किले के अंदर जाते ही है की उनके एक दोस्त का पैर पत्थर से टकरा जाता है। सभी उस आवाज से डर जाते है। उस डर की आवाज से दो दोस्त कार की तरफ तेजी से दौड़ते है। जब हड़बड़ाहट में किसी को कुछ समज नहीं आया तो बाकि बचे तीनो दोस्त भी कार की तरफ दौड़े। उनको समझ नहीं आ रहा था की उनके साथ क्या हो रहा था। वे किसी भी प्रकार से किले से बाहर आना चाहते थे। उनको डर था की आगे चलकर उनके साथ और भी भूरा ना हो जाये। सभी कार में दौड़कर बैठ जाते है और जल्दी-जल्दी भानगढ़ किले से निकल जाते है। 

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सभी जयपुर पहुंचने वाले थे ही की एक दोस्त को ख्याल आया की सभी लोग अपना अपना सामान चेक कर लो कही कुछ खो तो नहीं गया। जब उनका दोस्त अपने बेग़ को चेक कर रहा होता है तो सभी की आखे फटी की फटी रह जाती है। सभी के होश उड़ चुके थे। उन्होंने जो देखा वो कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा। उन्होंने देखा की बेग़ में रखी हुई सभी मिठाईया बिखरी हुई थी। मानों जैसे किसी में जानभूझकर उनको दोनों हाथो से मसोस दिया हो। सभी मिठाईया ऐसी लग रही थी की मानों वो मिठाईया दो चक्की के पाटो के बीच आकर फिश गए हो। लेकिन उनमे से एक दोस्त का मानना था की यह सब मिठाईया दौड़ते समय फुट गयी हो। लेकिन बाकि दोस्तों का कहना था की हम लोग तो थोड़ी दूर ही दौड़े थे उसमे इतना नुकसान नहीं हो सकता। उनका यह सोचना सई था की मिठाइयों का हाल इतना बुरा कैसे हो सकता है।    

उन लोगो ने अपने ये बात अपने कॉलेज दोस्तों को अपने परिवार के लोगो को बताई तो किसी का मानना था की यह सब तुम्हारी हड़बड़हाट में दौड़ने से हुआ है। और किसी का मानना था की वहाँ की नेगेटिव एनर्जी ने ये काम किया है। दोस्तों यह थी सच्ची भूतिया घटना जो हर किसी को सोचने पर मजबूर कर देती है की दरहसल उनके साथ क्या सच में ऐसा हुआ होगा। आपको क्या लगता लगता है? अपनी राय कमेंट जरूर करे।  

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