एक बहुत ही जनरल टॉपिक के बारे में बात करने वाले जो कोई बीमारी नहीं है। लेकिन साधारण लक्षण है। पेट के डॉक्टर के पास सबसे ज्यादा मरीज जिन दो-तीन कारणों से आते हैं उसमें से एक पेट का दर्द होता है। तो पेट का दर्द अपने आप में निश्चित रूप से कोई बीमारी नहीं है। यह साधारण लक्षण है जो पेट से होने वाली किसी बीमारी से होता है। यह पेट दर्द का कारण क्या होता है यह सबसे महत्वपूर्ण चीज है। इसके कई कारण हो सकते है। जैसे आमतौर पर भोजन के पचने में गड़बड़ी से गैस बनना। पेट के अंदर अधिक एसिड बनने से जलन होना। मल रुक जाने से पेट में भारीपन होना भी एक पेट दर्द का कारण है। ख़राब खानपान से भी पेट दर्द होना जिससे दस्त होना एक पेट दर्द का करना है। खाना नहीं पचना। ये सभी कारण है जो पेट के साधारण लक्षण है।
पेट दर्द का कारण संक्रमण भी है। पेट में वायरस या बैक्टीरियल संक्रमण के कारण दर्द, उल्टी और बुखार हो हो जाता है। इसके आलावा फूड पॉइज़निंग भी एक आम कारण है। जो पेट दर्द का संक्रमण है। लंबे समय तक चलने वाला विकार से आंतों में सूजन आना एक वायरस या बैक्टीरियल संक्रमण का कारण है। मल में खून आना भी एक बैक्टीरियल संक्रमण है। पुरषो और महिलाओ दोनों के पेट दर्द का कारण अगल अलग हो सकता है। हमने दोनों के लिए पेट दर्द के कुछ विशेष कारण पता किये है, जो निम्न लिखित है :-
पुरषो में पेट दर्द के कुछ विशेष कारण:
पुरुषों में पेट दर्द के कुछ विशेष संभावित कारण हो सकते हैं, जो हल्के से लेकर गंभीर पेट दर्द तक हो सकते हैं। नीचे पुरुषों में पेट दर्द के कुछ विशेष कारण हो सकते है जो निम्नलिखित है।
1. प्रजनन तंत्र संबंधित कारण (Reasons Related to the Reproductive System)
प्रजनन तंत्र से संबंधित पेट दर्द के कारण पुरुषों में विशेष रूप से गया है, क्योंकि यह अंडकोष, शुक्रवाहिनी , प्रोस्टेट ग्रंथि और अन्य जननांग संरचनाओं से बना होता है। पुरुषों में प्रजनन तंत्र संबंधित पेट दर्द के विशेष कारण उनकी अंडकोष के पीछे स्थित शुक्र वाहिनी की सूजन होती है। इसके लक्षण की बात करे तो निचले पेट या अंडकोष की शुक्रवाहिनी में दर्द होता है। अंडकोष की शुक्रवाहिनी में सूजन, लालिमा और गर्माहट होना, पेशाब के दौरान जलन या दर्द होना, बुखार और ठंड लगना भी इसके लक्षण है।
इन लक्षणों में से कोई भी लगातार या अचानक अनुभव होता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
2. गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (पाचन तंत्र) कारण (Gastrointestinal (digestive tract) problems)
पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याएँ पेट दर्द का सबसे आम कारण होती हैं। ये कारण हल्के असुविधाजनक से लेकर गंभीर बीमारी तक हो सकते हैं। गैस या अपचन का कारण मसालेदार भोजन, जल्दी-जल्दी खाने या ओवरईटिंग के कारण होते है। पेट में जलन और ऊपर की ओर एसिड आना पेट दर्द का कारण हो सकते है। कब्ज की वजह से भी यह समस्या हो सकती है। डायरिया / दस्त बार-बार ढीला या पानी जैसा मल आना भी एक बड़ी समस्या है। इसका कारण वाइरस , बैक्टीरियल संक्रमण, दूषित खाना-पानी होता है। इस समस्या से ऐंठन जैसा दर्द, मल त्याग से पहले बढ़ता है। आंतों में इंफेक्शन जैसे उल्टी, दस्त, बुखार, कमजोरी होना पूरे पेट में दर्द का कारण बनता है।
पेट में अल्सर होना। यह पेट या छोटी आंत की परत में घाव से होता है। इसका कारण H. pylori बैक्टीरिया, कुछ दवाएं (जैसे पेन किलर) होती है। इसके लक्षण भूखे पेट में जलन, खाने के बाद राहत मिलना है। यह दर्द ऊपरी पेट में चुभन या जलन जैसा होता है। अगर यह लक्षण बहुत ज्यादा दिख रहे है तो डॉक्टर से संपर्क करें।
3. मूत्र प्रणाली संबंधी कारण (urinary system infections)
पुरुषों में पेट दर्द के मूत्र प्रणाली से जुड़े कारण कभी-कभी गंभीर हो सकते हैं। मूत्र प्रणाली में मुख्य रूप से गुर्दे (किडनी), मूत्रवाहिनी , मूत्राशय, और मूत्रमार्ग आते हैं। इनके किसी भी हिस्से में समस्या होने पर निचले पेट, कमर या साइड में दर्द होता है। मूत्र मार्ग संक्रमण बैक्टीरिया के कारण होता है। इसका लक्षण पेशाब करते समय जलन या दर्द, बार-बार पेशाब आना, पेशाब में बदबू या गंदलापन इसके कारण हो सकते है। इसका दूसरा कारण गुर्दे की पथरी भी होती है। गुर्दे या मूत्र मार्ग में जमा हुए खनिज के कठोर टुकड़े के कारण पीठ, कमर, या पेट के एक तरफ तेज दर्द होता है। पेशाब में खून आना, मतली और उल्टी, पेशाब करते समय जलन होना ये इसके लक्षण है। इसके आलावा किडनी में संक्रमण भी हो सकता है। लक्षणो की बात करे तो कमर या साइड में तेज दर्द होना, पेशाब में जलन और बदबू आना, बुखार, ठंड लगना लगना किडनी में संक्रमण का कारण होते है।
अचानक तेज दर्द हो शुरू हो और लगातार बना रहे तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
महिलाओं में पेट दर्द के कुछ विशेष कारण:
महिलाओं में पेट दर्द के कुछ विशेष कारण होते हैं जो पुरुषों में नहीं होते है। महिलाओं में पेट दर्द के कुछ विशेष कारण अक्सर प्रजनन तंत्र (Reproductive system) से जुड़े होते हैं। महिलाओं में पेट दर्द के कारण कई हो सकते है जो निम्नलिखित है।
1. मासिक धर्म (Periods / Mahwari)
मासिक धर्म, जिसे पीरियड्स या महावारी भी कहा जाता है, महिलाओं की एक प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया है, जो हर महीने होती है। महिलाओं में पेट दर्द मुख्य कारण मासिक धर्म (Periods / Mahwari) का होता है। यह समस्या माहवारी के पहले या दौरान आती है। यह निचले पेट में मरोड़ या खिंचाव से होता है। ऐसा कारण गर्भाशय (uterus) की मांसपेशियों में संकुचन के कारण होता है। हर महीने महिला के गर्भाशय (Uterus) की भीतरी परत मोटी होती है, क्योकि यदि महिला का गर्भ ठहरे तो भ्रूण (Baby) का पोषण हो सके। यदि महिला का अंडाणु निषेचित (Fertilized) नहीं होता तो यह परत रक्त के रूप में बाहर निकल जाती है। यह प्रक्रिया हर महीने 3-6 दिन तक चलते है। पहली बार 10–15 साल की उम्र में शुरू हो जाता है। और लगभग लगभग 45–50 साल की उम्र में बंद हो जाते है।
इलाज व घरेलू उपाय की बात करे तो मासिक धर्म के समय गर्म पानी की थैली पेट पर रखें। हल्की एक्सरसाइज़ या योग करें। खूब पानी पिएं। कैफीन और बहुत मीठे खाने से बचें की कोशिश करें। तुलसी, अदरक या दालचीनी की हर्बल चाय ऐसे उत्पादों का सेवन करें। अगर दर्द असामान्य हो तो डॉक्टर से हार्मोनल जांच करानी चाहिए।
2. ओव्यूलेशन (अंडाणु) पेन (Ovulation Pain / Mittelschmerz)
ओव्यूलेशन पेन, जिसे जर्मन में ओव्यूलेशन पेन को मित्तलश्मेर्स भी कहा जाता है। यह एक प्रकार का हल्का पेट दर्द होता है जो कुछ महिलाओं को हर महीने ओव्यूलेशन (अंडाणु निकलने) के समय महसूस होता है। यह दर्द हल्का चुभने जैसा, मरोड़ जैसा या तेज झटका जैसा दर्द होता है। ओव्यूलेशन वह यह प्रक्रिया है जिसमें एक अंडाशय से अंडाणु निकलता है। यह हर महीने के मध्य (Day 12–16 के बीच) होता है। यह दर्द कुछ मिनटों से लेकर 24 घंटे तक होता है। आपको बता दे यही समय महिला के गर्भवती होने की सबसे अधिक संभावना वाला समय होता है। यह एक सामान्य और सामान्यतः हानिरहित दर्द होता है।
इसके इलाज के लिए जिस जगह दर्द महसूस होता है वहाँ गर्म पानी की थैली से सिकाई करें और आराम करें। हल्की योग या स्ट्रेचिंग के साथ पानी अधिक पिएं। ज़्यादा दर्द हो तो तो डॉक्टर से पूछकर Ibuprofen या Meftal-Spas जैसी दर्दनिवारक दवा का सेवन करें।
3. प्रजनन अंगों में सूजन (reproductive organs means swelling and redness)
महिलाओं के पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज (PID) एक गंभीर संक्रमण है जो महिलाओं के प्रजनन अंगों जैसे गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब, अंडाशय अंगो में होता है। यह संक्रमण आमतौर पर यौन संचारित संक्रमण जैसे गोनोरिया से फैलता है। PID तब होता है जब बैक्टीरिया योनि (Vagina) से ऊपर की ओर जाकर जमा हो जाते है। PID होने के मुख्य कारण असुरक्षित यौन संबंध या एक से अधिक यौन साथी होना है। योनि में बार-बार सफाई करना, जिससे बैक्टीरिया अंदर चला जाते है। जिससे संक्रमण फैलने के ज्यादा ख़तरा होता है। PID के लक्षण की बात करें तो बुखार होना। यदि बुखार 00.4°F (38°C) से अधिक है तो यह PID का कारण है। माहवारी के बीच ब्लीडिंग होना। योनि स्राव होना जैसे पीला, हरा या बदबूदार डिस्चार्ज होना। कभी कभी ये सेक्स के दौरान या बाद में भी होता है। कभी-कभी पेशाब करते समय दर्द होना PID के लक्षण है।
इलाज की बात करें तो यदि PID का कारण STI है ,यौन साथी का इलाज करना चाइये। नहीं तो संक्रमण फिर से हो सकता है। अगर ट्यूब में पस या जटिलता हो सर्जरी करवा लेनी चाइये क्योकि फैलोपियन ट्यूब या अंडाशय में पस जमा हो सकता है।