बिजली की खोज का इतिहास: किसने की, कब की, और वैज्ञानिकों के आविष्कारों की पूरी जानकारी

बिजली की खोज का इतिहास: किसने की, कब की, और वैज्ञानिकों द्वारा की गई आविष्कारों की पूरी जानकारी


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बिजली आज हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बन चुकी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बिजली की खोज कैसे हुई, इसे किसने पहली बार समझा और कब मनुष्यों ने इसका प्रयोग करना शुरू किया? इस लेख में हम बिजली के इतिहास की एक विस्तृत यात्रा पर चलेंगे, जिसमें जानेंगे प्राचीन काल से लेकर आधुनिक युग तक वैज्ञानिकों द्वारा की गई महत्वपूर्ण खोजों और आविष्कारों के बारे में। यहाँ आपको थेल्स ऑफ मिलेटस के शुरुआती अवलोकनों से लेकर वोल्टा की बैटरी, फैराडे के विद्युत चुंबकत्व के सिद्धांत, और एडिसन व टेस्ला के बीच की करंट वॉर तक की पूरी जानकारी मिलेगी। इस ज्ञानपूर्ण यात्रा में हम बिजली की उत्पत्ति, विकास और उसके समाज पर पड़ने वाले प्रभाव को विस्तार से समझेंगे।


भाग 1: प्रारंभिक अवधारणाएँ और स्थैतिक बिजली का आरंभ 


बिजली आज हमारे जीवन का एक अविभाज्य अंग बन चुकी है, लेकिन इसका इतिहास हजारों वर्षों पुराना है। इसका आरंभ मात्र एक जिज्ञासा से हुआ—आकाश में चमकती बिजली की कौंध, या अंबर में उड़ते बालों के साथ खिंचाव की अनुभूति। इस लेख में हम बिजली की खोज, विकास और वैज्ञानिकों के अविष्कारों की क्रमबद्ध यात्रा पर प्रकाश डालेंगे।


थेल्स ऑफ मिलेटस (600 ई.पू.)


बिजली का सबसे प्रारंभिक उल्लेख प्राचीन ग्रीस में मिलता है। थेल्स ऑफ मिलेटस ने यह अवलोकन किया कि जब ऐम्बर (अंबर — एक प्रकार का प्राकृतिक राल) को ऊन से रगड़ा जाता है, तो वह हल्की वस्तुओं को आकर्षित करने लगता है। उन्होंने इस शक्ति को "चुम्बकीय" नहीं, बल्कि कुछ अलग ही बताया, जिसे हम आज "स्थैतिक बिजली" के नाम से जानते हैं।


"इलेक्ट्रिसिटी" शब्द का जन्म – विलियम गिल्बर्ट (1600 ई.)


विलियम गिल्बर्ट, इंग्लैंड के एक डॉक्टर और वैज्ञानिक, ने इस शक्ति को वैज्ञानिक आधार दिया। उन्होंने अपने ग्रंथ De Magnete (1600) में विद्युत और चुम्बकीय शक्तियों को अलग-अलग परिभाषित किया। उन्होंने "electricus" शब्द का उपयोग किया, जो आगे चलकर "electricity" बन गया।


स्थैतिक जनरेटर – ओटो वॉन गुएरिके (1660)


ओटो वॉन गुएरिके ने पहला स्थैतिक जनरेटर बनाया जो घर्षण के माध्यम से बिजली उत्पन्न करता था। यह एक साधारण उपकरण था, लेकिन इसने पहली बार मनुष्यों को यह एहसास दिलाया कि बिजली को प्रयोगशाला में उत्पन्न किया जा सकता है।


लेयडेन जार (Leyden Jar – 1745)


पेट्रस वान मुशेनब्रुक (Petrus van Musschenbroek) ने विद्युत आवेश को संग्रहित करने के लिए लेयडेन जार का आविष्कार किया। यह पहला कैपेसिटर था, जिसने भविष्य में बैटरी और ऊर्जा संचयन की दिशा तय की।


स्टीफन ग्रे, डेसागुलियर्स, और डुफे


इन वैज्ञानिकों ने साबित किया कि विद्युत चालक (conductors) और अवरोधक (insulators) भिन्न होते हैं। उन्होंने विद्युत संचारण को लंबी दूरी तक पहुंचाने के प्रयोग भी किए।



भाग 2: रसायन और विद्युत उत्पादन (गैल्वानी से वोल्टा तक) 


लुइगी गैल्वानी (1780)


गैल्वानी एक इतालवी वैज्ञानिक थे जिन्होंने मेंढक की टांगों में विद्युत प्रवाह के कारण संकुचन देखा। उन्होंने इसे "एनिमल इलेक्ट्रिसिटी" कहा। यह अवलोकन ऐतिहासिक था क्योंकि पहली बार जैविक शरीर में विद्युत प्रभाव देखा गया।


एलेसांद्रो वोल्टा (1800)


गैल्वानी के प्रयोगों से प्रेरित होकर वोल्टा ने एक रासायनिक बैटरी का निर्माण किया जिसे वोल्टाइक पाइल कहा गया। यह बैटरी जिंक और कॉपर प्लेटों को एसिड के साथ क्रम में रखकर बनाई गई थी। यह इतिहास में पहली बार लगातार विद्युत धारा देने वाली प्रणाली थी।


विद्युत रासायनिक प्रभाव


वोल्टा की बैटरी ने दुनिया को पहली बार स्थायी विद्युत स्रोत प्रदान किया। इससे माइकल फैराडे और हम्फ्री डेवी ने इलेक्ट्रोलिसिस जैसे प्रयोग किए, जिनसे कई धातुओं को शुद्ध रूप में प्राप्त किया गया।


डेवी की आर्क लाइट (1810)


हम्फ्री डेवी ने आर्क लाइट का निर्माण किया जो विद्युत प्रवाह के कारण दो कार्बन इलेक्ट्रोड के बीच चमकता था। यह पहला प्रयोगात्मक विद्युत बल्ब था।


भाग 3: विद्युत चुंबकत्व और प्रारंभिक जनरेटर 


हंस क्रिश्चियन ओ’रस्टेड (1820)


ओ’रस्टेड ने यह दर्शाया कि विद्युत धारा चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न कर सकती है। उन्होंने धारा प्रवाहित तार के पास कंपास सुई में बदलाव देखा। यह विद्युत और चुंबकत्व के बीच गहरे संबंध का पहला प्रमाण था।


आंद्रे-मारी एम्पेयर और जॉर्ज ओम


एम्पेयर ने विद्युत-चुंबकीय बलों के सिद्धांत बनाए और विद्युत धाराओं के बीच आपसी आकर्षण और विकर्षण को समझाया। जॉर्ज ओम ने ओम का नियम प्रतिपादित किया, जो वोल्टेज, करंट और रेजिस्टेंस का आधार है।


माइकल फैराडे (1831)


फैराडे को विद्युत विज्ञान का पिता माना जाता है। उन्होंने विद्युत चुंबकीय प्रेरण की खोज की, जिससे जब एक चुंबकीय क्षेत्र किसी तार से होकर बदलता है, तो उसमें विद्युत धारा उत्पन्न होती है। फैराडे के इस सिद्धांत से आधुनिक जनरेटर और मोटर बने।


डाइनेमो की खोज


फैराडे ने सबसे पहला प्रयोगात्मक डाइनेमो (विद्युत जनरेटर) बनाया जो यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदल सकता था। यह मानव इतिहास में एक क्रांति थी।


जेम्स क्लार्क मैक्सवेल


मैक्सवेल ने विद्युत और चुंबकीय क्षेत्र को एक साथ जोड़ते हुए चार समीकरणों में संपूर्ण विद्युत-चुंबकीय सिद्धांत प्रस्तुत किया। उन्होंने सिद्ध किया कि प्रकाश स्वयं एक विद्युत-चुंबकीय तरंग है।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

बिजली की खोज का श्रेय थेल्स ऑफ मिलेटस को दिया जाता है जिन्होंने स्थैतिक बिजली का सबसे पहले अवलोकन किया।

एलेसांद्रो वोल्टा ने 1800 में वोल्टाइक पाइल नामक पहली बैटरी बनाई।

थॉमस एडिसन ने 1879 में पहला व्यावसायिक रूप से उपयोगी बल्ब बनाया।

निकोला टेस्ला ने AC करंट प्रणाली का विकास किया।

फैराडे ने विद्युत चुंबकीय प्रेरण की खोज की, जिससे जनरेटर और मोटर संभव हुए।


भाग 4: आधुनिक युग की बिजली – प्रकाश, वितरण, और वैश्विक नेटवर्क 


थॉमस एडिसन और बल्ब का निर्माण


एडिसन ने 1879 में कार्बन फिलामेंट से बना पहला व्यावहारिक विद्युत बल्ब बनाया। यद्यपि इससे पहले हंफ्री डेवी और जोसेफ स्वान ने भी प्रयोग किए थे, लेकिन एडिसन का बल्ब ज्यादा टिकाऊ और किफायती था।


एडिसन की DC प्रणाली


एडिसन ने डायरेक्ट करंट (DC) आधारित पावर स्टेशन बनाए और घरों में बिजली पहुंचाने की शुरुआत की। 1882 में न्यूयॉर्क में पर्ल स्ट्रीट पावर स्टेशन चालू हुआ।


निकोला टेस्ला और एसी (AC) प्रणाली


टेस्ला ने अल्टरनेटिंग करंट (AC) का प्रचार किया जो लंबी दूरी तक बिजली पहुंचाने के लिए अधिक उपयुक्त थी। उन्होंने इंडक्शन मोटर, ट्रांसफॉर्मर और टेस्ला कॉइल जैसे यंत्रों का आविष्कार किया।


करंट वॉर – एडिसन बनाम टेस्ला


एडिसन ने AC को खतरनाक बताया जबकि टेस्ला और जॉर्ज वेस्टिंगहाउस ने इसे सुरक्षित और सस्ता सिद्ध किया। अंततः AC प्रणाली विजयी रही और आज भी विश्वभर में यही प्रणाली उपयोग में है।


नायग्रा फॉल्स पावर प्रोजेक्ट


1895 में नायग्रा फॉल्स पर आधारित पहला विशाल हाइड्रोपावर स्टेशन बना, जिसमें टेस्ला की AC प्रणाली का उपयोग हुआ। इसने पहली बार लंबी दूरी तक बिजली भेजने की शुरुआत की।


इस भाग में हमने बिजली के प्रारंभिक आविष्कारों को जाना। उम्मीद है आपको यह जानकारी उपयोगी लगी होगी। अब अगले भाग में हम फैराडे और आधुनिक बिजली प्रणाली पर चर्चा करेंगे।

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